Detachment from the body and the world leads to God-realization. The book explains in a very simple language the secrets of real knowledge.
शरीर और संसार से ममता हट जाने पर अपने-आप तत्त्व का अनुभव हो जाता है। प्रस्तुत पुस्तक में तत्त्वज्ञान के गूढ़ रहस्यों का अत्यन्त सरल भाषा में बोध कराया गया है।