Foreign orders are also accepted. Email your order requirements to gitapressbookshop @ gmail.com
     

मनुष्य का परम कर्तव्य, भाग-1 (Manushya Ka Param Kartava, Vol. 1)

  • ₹20.00

ब्रह्मलीन परम श्रद्धेय श्री जयदयाल जी गोयन्दका के द्वारा प्रणीत इस पुस्तक में भक्ति, ज्ञान, वैराग्य, संयम, वर्णाश्रम-धर्म, सत्य, श्रद्धा, समता, भगवत्प्रेम, प्रारब्ध और पुरुषार्थ आदि आध्यात्मिक विषयों पर सुन्दर विवेचन किया गया है।