नारी-जाति के सर्वांगीण विकास के लिये स्त्रियों के कर्तव्य, भारतीय नारी का स्वरूप, बच्चों का जीवन-निर्माण, पातिव्रत्य धर्म, हिन्दू- शास्त्रों में नारी का स्थान इत्यादि अनेक महत्त्वपूर्ण विषयों पर श्री भाईजी-कृत एक उपदेशपूर्ण विवेचन।
नारी-जाति के सर्वांगीण विकास के लिये स्त्रियों के कर्तव्य, भारतीय नारी का स्वरूप, बच्चों का जीवन-निर्माण, पातिव्रत्य धर्म, हिन्दू- शास्त्रों में नारी का स्थान इत्यादि अनेक महत्त्वपूर्ण विषयों पर श्री भाईजी-कृत एक उपदेशपूर्ण विवेचन।