इसमें भक्त गोविन्द, मोहन, धन्ना जाट, चन्द्रहास और सुधन्वा की ऐसी सरस, मधुर तथा भक्ति-रस से पूर्ण कथाएँ हैं, जिन्हें पढ़कर आँखों से अश्रुपात होने लगता है और मन भगवत्कृपा के स्मरण में डूब जाता है।
इसमें भक्त गोविन्द, मोहन, धन्ना जाट, चन्द्रहास और सुधन्वा की ऐसी सरस, मधुर तथा भक्ति-रस से पूर्ण कथाएँ हैं, जिन्हें पढ़कर आँखों से अश्रुपात होने लगता है और मन भगवत्कृपा के स्मरण में डूब जाता है।