कर्तव्य-कर्म का समुचित रीति से पालन करते हुए अधिकार और फलासक्ति का त्याग कर भगवत्प्राप्ति का उद्देश्य वाला व्यक्ति स्वतः मुक्त है। स्वामी श्री रामसुखदास जी महाराज द्वारा प्रस्तुत यह पुस्तक कल्याण-पथ-पथिकों हेतु योग्य मार्गदर्शक है।
कर्तव्य-कर्म का समुचित रीति से पालन करते हुए अधिकार और फलासक्ति का त्याग कर भगवत्प्राप्ति का उद्देश्य वाला व्यक्ति स्वतः मुक्त है। स्वामी श्री रामसुखदास जी महाराज द्वारा प्रस्तुत यह पुस्तक कल्याण-पथ-पथिकों हेतु योग्य मार्गदर्शक है।