श्रीकृष्ण-चित्रकथा के इस भाग में ब्रह्माजी के मोहभंग से लेकर श्रीकृष्ण के द्वारा दर्जी और माली पर कृपा तक की नौ सुन्दर लीलाओं के वर्णन के साथ उनके आकर्षक एवं बहुरंगे चित्र भी दिये गये हैं। पुस्तक में दावाग्नि-पान, गोवर्धन-पूजा, रासलीला आदि कथाओं का वर्णन इतना सरस है कि उन्हें बार-बार पढ़ने की इच्छा का पाठक संवरण नहीं कर पाता है।